जब मार्केट में बहुत ज्यादा उतार-चढाव होने के आसार होते हैं तो ट्रेडर स्ट्रैंगल स्प्रेड बनाते हैं। यह स्ट्रैटेजी स्ट्रैडल की तरह ही होती है,लेकिन इसमें पुट ऑप्शन का स्ट्राइक रेट कॉल ऑप्शन से कम होता है। दोनों ही ऑप्शन के स्ट्राइक प्राइस अंडरलाइंग एसेट की वैल्यू से क्रमश: थोड़ा नीचे और थोड़ा ऊपर होते हैं।
No comments:
Post a Comment