Tuesday, December 24, 2013
वोलैटिलिटी स्ट्रैटेजी क्या होती है?
ट्रेडर डेरिवेटिव सेगमेंट में 'कॉल' और 'पुट' ऑप्शन के कॉम्बिनेशन के जरिये शेयर मार्किट में आने वाले उतार-चढ़ाव यानि वोलैटिलिटी पर दांव लगाते हैं।
यह स्ट्रैटेजी मार्किट में तेजी या मंदी पर डिपेंड नहीं करती है। इनका मकसद तो उतार-चढाव का फायदा उठाना होता है,जिसमें इंडेक्स या शेयर शामिल होते हैं। मार्किट के माहिर ट्रेडर इसके लिए इंडेक्स ऑप्शंस का इस्तेमाल इस्तेमाल करते हैं। हालांकि,यह शोर्ट टर्म स्ट्रेटेजी होती है क्योंकि ज्यादा वोलैटिलिटी से ऑप्शन की वैल्यू यानी प्रीमियम में बढ़ोतरी होती है।
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